अच्छे दिनों की आस में ,लोग बदल गए लावारिस लाश में

जब बीजेपी सरकार वजूद में आयी  हर आदमी अच्छे दिनो का मुगालता पाल लिया!हर किसी‌को लगा हर शाम सुरमई होगी, हर सुबह रंगीन होगी, जिन्दगी का हर लम्हा हसीन होगा।आमदनी चरण चूमेगी, धन लक्ष्मी घर घर घुमेगी?बैंक में बैलेन्स‌ होगा, ब्यापार हो या किसानी आमदनी दूना देगा!न रात डरावनी होगी, न दिन बदहाल होगा ,सुन्दर जीवन होगा‌, सारा सपना अपना होगा!! वाह‌ भाई सियासी मदारी आया अपना करतब दिखाया पब्लिक को रिझाया और जब झोली भर गयी तब लोगों को समझ में आया यह‌ तो सब धोखा है? गजब भाई  सतरंगी सपने दिखाने का तरीका मदारी का बहुत अजूबा है। मैं आया नहीं गंगा मां ने बुलाया‌ है? हा साहब सन्त रैदास‌ के बाद गुजराती ढोंगी सन्त आ गया।मां गंगा भी आज शर्मिन्दा होती होगी लाशों का बोझ उठाकर रोती होगी!गुजरात में तबाही का‌आशीर्बाद देने के बाद काशी में आये सन्त के मुखारबिंद से निकला हर शब्द सच हो रहा है। लोगों को क्या पता था की गंगा की लहरों में मौत के बाद अस्थियां  को नहीं शव को ही कुत्तों का निवाला बनना पड़ेगा।  रेता में दब कर मरना पड़ेगा।! सियासी मदारी की भाषा लोग समझ नहीं पाये फीर धोखा खाये? ढपोर शंखी भाषा‌ में मन की बात सुनते सुनते सबमे बढ़ गयी है निराशा? हिमालय की कंदराओं से निकले त्रिकाल दर्शी महामानव के उद्भव के बाद से ही जो भविष्य बाणियां हो रही है सब सच साबित हो रही है। सबका साथ सबका विकाश ! आप‌‌ देख रहे सभी एक साथ करोना का निवाला बन रहे हैं !राजा हो या रंक गरीब हो या अमीर साधु हो या फकीर।सियासी सन्त ने एक साथ सबका कर दिया अन्त।भविष्यवाणी का सच देखिये गांव गांव कब्रिस्तान है तो होगा गांव गांव बनेगा श्मशान? बन गया भाई हिमालयी फकीर की भविष्य बाणी सच हो गयी। देख लिया न?हर हाथ को काम हर हाथ को रोजगार कोई नहीं रहेगा बेकार?क्या कहने भाई श्मशान पर देश के युवाओं के लिये प्रर्याप्त रोजगार है! बस आवेदन करने की देर है। चाय पकौड़ा  कफ़न की दुकान की लगता है शम्शान घाटों पर जल्द ही होगी नीलामी! पूरी तैयारी में है आम्बानी और अडानी?  गंगा का किनारा दिखा रहा है बिकाश का नजारा?बस प्रेम से बोलते जाईये हर हर मोदी? यही शब्द भेदी बाण है जिससे निर्वाण का पथ प्रदर्शित होता है। सौगन्ध राम की खाता हूं देश नहीं बिकने दूंगा! नहीं भाई कुछ नहीं बिका एक दम सच है! लेकिन कुछ बचा भी नहीं?बस कफ़न बच गया था उसपर भी अडानी की नजर लग गयी!लाश का सौदागर जिसके सियासी कारनामों ने मौत को भेज दिया घर घर ! केवल हर तरफ तबाही है! कीडे मकोड़े के तरह‌ तड़प तड़प कर लोग रहे मर है? सशर्त के श्राप से गरीब की कमाई मार गयी! दुसरे सियासत की चतुराई मार गयी! बाकी जो कुछ बचा तो महंगाई मार गयी महंगाई मार गयी।? अपनी कुर्सी को सलामत रखने के फिराक मे आज करोड़ों लोगों को कर दिया हलाक!बंगाल चुनाव देश की ब्यवस्था के लिये घातक साबित हुआ।लालच में दोनों गया माया मिली न राम!इधर सियासती तजुर्बेकारो की लापरवाही ने कोरोना को घर घर का मेहमान बना दिया ! हर शहर, हर गांव, को शम्शान बना दिया !करोड़ों लोगों की मौत ने वर्तमान ब्यस्था के विकाश का पोल खोल दिया है।प्रकृति भी ललकार रही‌ है मानव बस्तियों को उजाड़ रही है।करोना ,ब्लैक फंगस ,ह्वाईट फंगस, के साथ ही सियासी फंगस के कारनामों ने सबको कर दिया है नर्वस? हर आदमी हो गया है बे बस?हिमालयी फकीर ने देश की तकदीर बदल दी ।बेरोजगारी खत्म, रोजी रोजगार खतम, नोकरी  चाकरी खत्म, कल कारखाने खत्म स्कूल कालेज का वजूद खतम 'जनसंख्या नियंत्रणअपने आप हो गया ?विल संशोधन खत्म !श्म्शान कब्रिस्तान की भीड़ में जीवन का मोल खतम!सबको मोक्ष एक साथ मिल गया। गंगा की रेती में लाशों को देखकर लगता है राजा भगीरथ के दस हजार पुत्रो का शव एक साथ मोक्षदायनि के दर्शनार्थ निकल पड़े हैं।इस सदी की त्रासदी हिटलर व मुसोलीन के इतिहास को पीछे छोडकर हिमालयी सन्त के नाम अमिट निशान बनकर सदियों सदियों तक अमर हो जायेगी।जय महाकाल🙏🏻🙏🏻

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