बर्षो से बंद पड़ी आरो मशीन खोज रही अपनी बाट
*वर्षों से बंद पड़ी आरो मशीन खोज* *रही ** *अपने भाग्य की बाट**
*चितबड़ागांव( बलिया)।* स्थानीय नगर पंचायत स्थित लाखों की लागत से लगाई गई आरो मशीन वर्षों से खराब पड़ी हुई है जो अपने भाग्य की बाट खोजते नजर आ रही है।
कस्बा स्थित समस्त चट्टी चौराहा, धार्मिक स्थलों पर नगर पंचायत प्रशासन द्वारा शुद्ध पीने के लिए पानी की सुविधा के लिए लाखों की लागत से तकरीबन दर्जनों आरो मशीन लगाई गई है जो वर्षों से बंद पड़ी है जैसे यह प्रतीत होता है कि उक्त मशीन का देखरेख करने वाला नगर पंचायत प्रशासन में कोई है ही नहीं । एक तरफ नगर पंचायत प्रशासन द्वारा आए दिन लगातार विकास की गंगा बहाने की बात की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर विकास के नाम पर खोखला साबित हो रहा है। नगर वासियों का कहना है कि कस्बे के ऐतिहासिक बरैया पोखरा के मुख्य द्वार के ठीक बगल में लगाई गई आरो मशीन तथा तेलिया पोखर के समीप शिव मंदिर के पास लगाई गई आरो मशीन तो वहीं भारतीय स्टेट बैंक के समीप शहीद वृंदावन तिवारी स्मारक के बगल में लगाई गई आरो मशीन व अंबेडकरनगर में लगाई गई आरो मशीन विगत कई वर्षों से खराब पड़ा हुआ है ।जिस पर नगर पंचायत प्रशासन की ध्यान आकृष्ट नहीं हो पा रहा है ।नगर वासियों का कहना है कि वर्तमान चेयरमैन द्वारा आए दिन लगातार विकास की बात की जाती है मगर विकास तो दूर खराब पड़े चीजों पर ध्यान आकृष्ट नहीं हो पा रहा है जो वास्तव में बहुत ही सोचनीय व विचारणीय बात है। नगर वासियों का कहना है कि विगत 5 दिनों से नगर पंचायत में बिजली व्यवस्था ध्वस्त होने के कारण पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है जिससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कहा जाता है कि "जल ही जीवन है" क्योंकि जल के बिना कुछ भी होना संभव नहीं है ।अतः इस परिस्थिति में नगर पंचायत प्रशासन द्वारा पानी की सप्लाई की व्यवस्था दुरुस्त कराने के लिए तथा साथ ही समस्त खराब हुए आरो मशीन को चुस्त दुरुस्त कराने के लिए ध्यान आकृष्ट कराया है तथा चेताया है कि समयानुसार यदि आरो मशीन सहित खराब हुए दैनिक चीजों को दुरुस्त नहीं कराया गया तो समस्त नगरवासी नगर पंचायत कार्यालय की घेराव करने के लिए विवश हो सकते हैं।
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