फार्मासिस्ट मांगों पर अड़े, सरकार ने अब तक नहीं सुनी फरियादियों की फरियाद।
*फार्मासिस्ट मांगों पर अड़े,सरकार नेअब तक नही सुनी फरियाद, दो घंटे नहीं मिली मरीजों को दवा*
*हम मरीजों को नही करना चाहते परेशान, हमारी मागों पर सरकार करे विचार:डॉ0सरफ़राज़ अहमद*
मऊ। स्वास्थ्य विभाग के फार्मासिस्ट अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। मांगों का निस्तारण नहीं होने के विरोध में पिछले 9 दिसम्बर से दो घंटे तक हड़ताल जारी है ,साथ ही फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने चेतावनी भी दे डाली है कि सरकार ने हमारी नही सुनी तो हम सभी 17 दिसम्बर से इमरजेंसी को छोड़ सभी सेवाएं बाधित कर देंगे।उधर फार्मासिस्ट संवर्ग के हड़ताल से मरीजों को 2घण्टे तक दवाएं नहीं मिल पा रही है स्वास्थ्य केन्द्रों पर दवाई एवं इंजेक्शन लगवाने के लिए मरीजों को काफी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।। व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई, घंटों तक मरीज इधर उधर भटकते रहे। ।
अस्पतालों में इन दिनों खूब भीड़ उमड़ रही है, फार्मासिस्टों की हड़ताल होने से उनके द्वारा दी जाने वाली सेवाए प्रभावित हो गयी है । ऐसे में प्रभार भत्ता, पदनाम परिवर्तन समेत अनेक मांगों को लेकर फार्मासिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर फार्मासिस्ट बीते कई दिनों से हड़ताल कर रहे हैं।
अस्पतालों में दो घंटे तक हड़ताल रही। ऐसे में गजनपद के सभी सीएचसी/पीएचसी की ओपीडी में उपचार को पहुंचे सैकड़ों मरीज दवा के लिए परेशान हो गए। दवा काउंटर के बाहर लंबी लाइन लग गई। हंगामा जैसा माहौल देखने को मिल रहा है।
*इस सम्बंध में फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष एवं जाने माने चीफ़ फार्मासिस्ट डॉ0सरफ़राज़ अहमद ने बताया कि 16 दिसंबर तक रोजाना दो घंटे तक हड़ताल रहेगी। यदि उनकी मांगों का निस्तारण नहीं होता है तो 17 दिसंबर से संपूर्ण हड़ताल (इमरजेंसी एवं पोस्टमार्टम छोड़)कर दी जाएगी।तथा आगामी 20 दिसम्बर से सभी सेवाओं को पूर्णकालिक बन्द कर दिया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रदेश सरकार, स्वास्थ्य मंत्री एवं उच्चाधिकारियों की होगी।एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि हम मरीजों को परेशान नही करना चाहते हैं।इसलिए क्रमागत तरीके से आंदोलन किया जा रहा है हम चाहते तो पहले ही दिन से पूर्ण सेवाओं को ठप कर देते लेकिन फार्मासिस्ट स्वास्थ्य विभाग का रीढ़ होता है, हमारे लिए मरीज सर्वोपरि है हम मरीजों को दिक्कत में नही डालना चाहते हैं,लेकिन सरकार जनहित में रुचि नही ले रही है जिससे हमारी जायज मांगों पर विचार नही किया जा रहा है।हम सरकार से अपील करते हैं कि हमारी आवाज को सुने और सही निर्णय लेते हुए हमारी मांगे पूरी करें।*
ऐसे में सरकारी अस्पताल में उपचार पाने वाले मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
समय पर बंटवाई दवाएं
अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
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