न्याय के लिए दर दर भटक रही पीड़िता का अधिकारियों के ऊपर से उठा विश्वास
*न्याय के लिए दर-दर भटक रही पीड़िता का अधिकारियों के ऊपर से उठ रहा विश्वास*
मऊ जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील अंतर्गत भाटपार सोफीगंज गांव में एक ऐसा जमीनी मामला सामने देखने को मिला है । जिसमें पीड़ित बच्चियों के द्वारा उच्च अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई गई है । लेकिन अभी तक पीड़ित बच्चियों को न्याय की कोई उम्मीद नहीं जगी है । पीड़ित बच्चियों का अधिकारियों के ऊपर से विश्वास ही उठता नजर आ रहा है ।
बताते चलें कि भाटपार निवासी दुर्ग विजय शर्मा की केवल चार पुत्रियां हैं । सन 2014 में दुर्ग विजय शर्मा की मृत्यु हो जाए गई थी । उस समय दुर्ग विजय शर्मा की चारों पुत्रियां नाबालिक थी । दुरविजय शर्मा के नाम से अभिलेख में कुल 84 बिस्वा जमीन है । दुर्ग विजय शर्मा की मृत्यु के बाद दुर्ग विजय शर्मा का साडू दिनेश शर्मा निवासी सैदोपुर तहसील सदर मऊ ने इनकी सारी जमीन आनन-फानन में अपनी साली यानी दुर्ग विजय की पत्नी मालती देवी के नाम से वारदात करा दिया और चारों पुत्रों को वारदात से वंचित कर दिया । उस समय 2014 में दुर्ग विजय की चारों पुत्रया नाबालिक थी और इस षड्यंत्र से अनभिज्ञ थी । मालती देवी अनपढ़ गवार और मंदबुद्धि की महिला थी । दिनेश शर्मा अपनी साली मालती देवी को बहला-फुसलाकर सांत्वना देता रहा कि तुम्हारी चारों पुत्रों का ध्यान रखा जाएगा । समय बीतता गया और दिनेश शर्मा अपनी साली को बहला-फुसलाकर 84 बिस्वा जमीन अपनी पत्नी बिंदु देवी के नाम से रजिस्ट्री करा दिया । काफी दिनों के बाद जब लड़कियों को इसकी जानकारी हुई तो दीवानी मऊ और तहसील मु0बाद गोहाना में वाद दाखिल किया गया है जो विचाराधीन है । इसी बीच 2021 में मालती देवी की भी मृत्यु हो गई । मौका पाते ही दिनेश शर्मा 84 बिस्वा जमीन को औने पौने दाम में बेचना चाहता है जिसकी जानकारी होते ही चारों पुत्रों ने विरोध कर दिया । पूरे भाटपार गांव के निवासी और क्षेत्रीय लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं और इस घटना से सभी लोग बच्चियों की भविष्य को सोचकर काफी चिंतित हैं । इस संबंध में मृतक दुर्ग विजय की चारों पुत्रियां जया, नेहा, निधि आदि ने मु0बाद उप जिलाधिकारी और मऊ जिला अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुकी है । लेकिन इन बच्चियों को अभी तक कोई न्याय नहीं मिल सका । अब देखना यह है कि इन बच्चियों को न्याय मिलता है या यह अधिकारियों के चक्कर काटती ही रह जाती है ।
*विनय कुमार की खास रिपोर्ट*
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