मऊ के विकास पुरुष के लिए
कहां गये वो नेता जिनका जिंदाबाद कहें ।
विकास में बहुत पिछड़ा मऊ।
मऊ के विकास पुरुष के लिए...
मऊ का नाम कल्पनाथ राय के नाम पर रखने के लिए नेता, पत्रकार, समाजसेवी, व्यापारी, युवा सभी को आगे आना ही होगा
कल्पनाथ राय का नाम आते ही सबसे पहले तो यही लगता है कि यदि उनका साथ नहीं होता तो क्या हमारा मऊ एक जिला बन पाता! उनके बिना मऊ के विकास माडल का अस्तित्व क्या होता! उनके बिना मऊ की पहचान क्या होती। जिस शहर का अस्तित्व एक तहसील भी नहीं था। उस शहर को उस शिल्पी की परिकल्पना ने मऊनाथ भंजन को तहसील से जिला और जिला भी उस दौर के टाप जिला में से एक बनाकर हमें विकास और विश्वास की उस ऊंचाई पर बैठाने का प्रयास किया था जिसकी परिकल्पना कर पाना असम्भव है। आज उसी विकास पुरूष मऊ के जननेता और भारतीय राजनीति के सिरमौर कल्पनाथ राय की बदौलत, हम ऐसे जिले में बैठे हैं जो उत्तर प्रदेश के महत्त्वपूर्ण जिलों में एक है। इस जिले को जिला बनाने में राय साहब का अद्वितीय योगदान रहा जिसे कभी भी किसी कीमत पर भुलाया नहीं जा सकता। यह उस राजनैतिक शिल्पकार की सोच थी कि वे मऊ के इस बदल रहे स्वरूप को लखनऊ बनाना चाहते थे। वे सपना देखे थे कि कुछ वर्षों बाद मऊ शहरों के विकास के मायने में किस मुकाम पर होगा। उनकी दूरदर्शी सोच वास्तव में किसी एमबीए, एमसीए, एमटेक के पढ़ाकू से कम नहीं थी। आपकी सोच थी कि यदि हमारे सपनों को पंख मिला भविष्य में पूर्वांचल बना तो मऊ को पूर्वांचल की राजधानी बनायेगे। उन्होंने जनपद के चारों तरफ अपने सपनों का ताना बाना बुना सबसे पहले सड़को का जाल बिछाया, उसके बाद अपने मऊ का दुल्हन की तरह श्रृंगार किया। तीन-तीन ओवरब्रिज उस समय के इतने खुबसूरत बने कि आज के बनारस, आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया में बने ओवरब्रिज को मुंह चिढ़ाते नजर आते हैं। आलीशान कलेक्ट्रेट भवन, घोसी चीनी मिल आसवनी इकाई, एनवीआईएम, बीज अनुसंधान, दूरदर्शन केंद्र, एफएम रेडिओ, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, दीवानी कचहरी, विकास भवन, जेल, सौर ऊर्जा प्लांट, आफिसर्स कालोनी, जिला अस्पताल,स्पोर्ट स्टेडियम , पालिटेक्निक कालेज, रोज गार्डेन, रेलवे स्टेशन जैसा चौतरफा विकास विकास पुरुष कल्पनाथ राय द्वारा ही किया गया। ये जिला इस युग पुरुष के ख्वाबों और परिकल्पनाओ की हकीकत था लेकिन इस विकास पुरुष के दुनिया को अलविदा कहते ही मऊ का विकास थम सा गया।
मऊ के चारों कोने में कल्पनाथ राय के होने का आभास है यदि मऊ का नाम बदल कर कल्पनाथ राय के नाम पर रखा जाता है तो हम सब जनपद वासियों को उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का बहुत बड़ा सुनहरा अवसर होगा कि हम अपने विकास पुरुष को उसके सपने के साथ एकबार फिर से जीते हुए देंखेगे। हम मऊ के समस्त मीडिया, जनप्रतिनिधि, उद्यमी, युवा, व्यापारी, हर दल के नेता, सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों से यह अपील करना चाहता हूं कि वे इस अभियान को पंख दें । यही कल्पनाथ राय को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
आज मऊ के सांसद अतुल राय , जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय , कई विभाग कैबिनेट प्रभार लिए ए के शर्मा राय तीनों लोग प्रथम नागरिक की तरह जिम्मेदार पदों पर जनता के प्रति जबाबदेहि भी है जनपद में विकसित करने की जिम्मेदारी भी अब देखना है ये तीनों तिगड़ी क्या गुल खिलाती है ।
Comments
Post a Comment