डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस रामस्वरूप भारती इंटर कॉलेज शिवजी मठ भीटी के प्रांगण में शिक्षक दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया गया।

आज रामस्वरूप भारती इंटर कॉलेज शिवाजी मठ भीटी के प्रांगण में शिक्षक दिवस पर विद्यार्थियों द्वारा आचार्य‌ एवं आचार्या के लिए भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
तथा विद्यार्थियों द्वारा गुरुजनों के लिए अनेक बौद्धिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
वही रामस्वरूप भारती इंटर कॉलेज के प्रबंधक श्री रामाश्रय सिंह जी ने शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है तथा डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन से संबंधित बहुत रोचक बातें बच्चों को बताए  तथा जीवन में आगे बढ़ाने के अनेक गुण भी सीखाए । तथा वही रामस्वरूप भारती इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य श्री विजय सिंह द्वारा एक गुरु और शिष्य के दायित्व को भी समझाया गया,इस कार्यक्रम में सभी आचार्य एवं आचार्या के साथ सभी विद्यार्थी गण भी उपस्थित रहे।
शिक्षक दिवस के कार्यक्रम को भव्य बनाने में कुशल संचालन कर रहे आचार्य श्री राजेश तिवारी जी का योगदान भी सराहनीय रहा।
 हिन्दुत्व कि अलख जगाने वाला राम स्वरूप भारती इन्टर कालेज  यूं तो शिक्षा जगत में दे दिप्यमान सितारा बनकर सनातनी ध्वज को बुलन्द कर रहा है सौभाग्य यह है कि मदन मोहन मालवीय के नक्शे कदम पर चलकर शिक्षा जगत में बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी प्रबन्धक रामाश्रय सिंह ने जो अलख जगाई है वह निश्चित रूप से भविष्य के  भारत में अपना अहम योगदान साबित होगा। आज शिक्षक दिवस के अवसर पर जिस तरह का कार्यक्रम  इस बिद्यालय में सम्पादित हुआ है उसका गहनता से विश्लेषण करेंगे तो इस विद्यालय के संचालन में अपनी जिन्दगी के हसीन पलों को समर्पित करने वाले माननीय प्रबन्धक रामाश्रय सिंह जी शिक्षा जगत के प्रति समर्पण उनकी उदारता संयमित भाषा शैली के  साथ ही वाक्चातुर्य,वाकपटुता ,अचम्भित कर देता है। मां सरस्वती के वरद पुत्र के रूप में ख्यातिप्राप्त इतिहास पुरूष बनने के राह पर अग्रसर इतिहास वेत्ता की महत्ता का भान इस लिए आम आदमी को भी हो जाता क्यों की उनकी सज्जनता तथा प्रबन्धकीय ब्यवस्था तथा सनातनी आस्था का संगम कालजई तमसा के विहंगम तट पर हिन्दुत्व की शौर्य को प्रतिपादित करते सर्व विदित हो चुका है। म ऊ जनपद ही नहीं उत्तर प्रदेश के नक्शे में रामस्वरूप इन्टर कालेज ही ऐसा  शिक्षा का भवन है जहां गुरू शिष्य परम्परा परवान चढ़ता है गुरूकुल ब्यवस्था की झलक दिखलाई देता है अनुशासन तो अमरत्व प्राप्त कर चुका है।विद्यालय के शिक्षक हो या विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावक है पूरी तरह से उस व्यवस्था में ही अपनी आस्था को सम्पादित करते हैं। धीरे धीरे परिवेश बदला है सनातनी ध्वज आज बुलन्दी पर बढ़ रहा है वहीं ऐसे मनीषी वर्षों से इसकी अभिलाषा लिए अपनी जिन्दगी की कुर्बानी देते निरन्तर‌ प्रगति  की परम्परा को  संचालित करते चले आ रहे हैं।राजपूती शान को स्वाभिमान के साथ हिन्दुस्तान के फलक पर एक बार पुनः पदस्थापित करने का संकल्प लिए‌ आगे बढ़ रहे आदरणीय प्रबन्धक श्री रामाश्रय सिंह जी को कोटिश बधाई ।
तथा सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
जय श्री राम

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