निहत्ते हैं हम लोग पर गजब की जंग लड़ते हैं (कुलदीप सिंह राठौर )
निहत्थे हैं हम लोग,पर गजब की जंग लड़ते हैं,
कलम को हाथ में रख अदब की जंग लड़ते हैं।
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी निष्पक्षता और निर्भीकता से देशसेवा में योगदान देने वाले सभी पत्रकार बंधुओं की एक आवाज़ क़लम के धनी,निडर सिपाही की भाँति…!!
एक स्वतंत्र प्रेस देश की
जनता का मार्गदर्शन करता है,और चुने हुए प्रतिनिधियों को उनके अधिकारों के ग़लत
प्रयोग से रोकता है।
चार अक्षर का नाम है मेरा,पत्रकार कहलाता हूं, मैं खबर रोज़ बनाता हूँ,कलम और कैमरा से लोगों का हाल बताता हूँ, गमगीनहूँ, हालत से लड़ता हूँ,दोस्त कम और दुश्मन ज़्यादा बनाता हूँ,दो लफ़्ज़ लिख कर दुनिया बदलने की कोशिश करता हूँ,फिर भी लोगों की नज़र में खटकता हूँ,शायद कुछ नहीं हूँ,पर चार अक्षर का नाम है मेरा,
पत्रकार कहलाता हूँ!!
न कलम बिकती है ना कलमकार बिकता है,
खबरों के गुलदस्ते से अख़बार बिकता है, क्यों सोच की तंग गलियों से निकलते नहीं, शराफ़त के बाज़ार में हालचाल बिकता है,दुनिया ने कभी पलट कर पूछा होतो बताओ,बस कह कर रह जाते हो पत्रकार बिकता है,कितना जल कर देते है दुनिया भर की ख़बर, कलेजे वाला इंसान ही अख़बार और टी.वी चैनल में टिकता है!!
मैं किसी से डरता नहीं,खबर से समझौता करता नहीं,बेबाक है मेरी जुबान,बेखौफ है मेरा अंदाज,मैं बताऊंगा आपको हर खबर के पीछे की खबर!!
देश का चौथा स्तंभ मीडिया हैं,आप सच के पहरेदार हैं,हम सभी प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं।
स्वतंत्र प्रेस वह मज़बूत डोर है,जो लोकतंत्र को सशक्त बनाती है एवम् राष्ट्र के विकास में निरंतर संवाद व निष्पक्ष पत्रकारिता के माध्यम से अहम योगदान हेतु
मेरी ओर से आप सभी कलम के योद्धाओं प्रबुद्ध परिवारस्वजनो को
अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता प्रेस दिवस की हार्दिक शुभेच्छाऐं।
सेवक,दासानुदास
🙏कुलदीप सिंह राठौड़
+47 40078008
(24/7)
राष्ट्र सेवा सर्वोपरि
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