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Showing posts from June, 2024

ज्योति मौर्य की कहानी का उल्टा ,दुनिया के लिए मिसाल बनी सब इंस्पेक्टर मनीषा मीणा

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ज्योति_मौर्या की कहानी सबने सुनी होगी उस एक महिला के आचरण से समस्त महिलाओं पर प्रश्नचिन्ह लगाने वालों के लिए राजस्थान पुलिस सेवा में सब_इंस्पेक्टर मनीषा मीणा एक मिसाल बन कर आई हैं इन्होंने गरीब परिवार के बेरोजगार, विजय मीना से शादी करके समाज मे एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है । ग्राम पंचायत काली पहाड़ी के माँ वैष्णो माँ नर्बदा सेवा समिति टीम के सदस्य विजय मीणा की धर्म पत्नी ने व उनके परिजनों ने समाज के लिए एक अच्छा सन्देश देते हुई दो परिवारों को ख़ुशी देने का काम किया । मनीषा_मीणा खुद सब इंस्पेक्टर पोस्टेड है और वह चाहती तो उसे कोई अच्छे घर का नौकरी वाला लड़का मिल सकता था ,लेकिन अपने परिजनों और खुद की पहल से उसने समाज के बेरोजगार और गरीब युवक विजय मीणा के साथ विवाह करना तय किया। इससे एक साथ दो परिवारों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति सुधरेगी, वही विजय मीणा को भी संबल मिलेगा । मौजूदा समय में बेरोजगार लड़के के साथ तो कोई भी विवाह नहीं करना चाहता यहाँ तक  कि लड़को को भी नौकरी वाली लड़कियां ही चाहिए होती है । लड़का बेरोजगार हो और गरीब परिवार से हो तो यह तो सम्भव ही नही ,लेकिन इ...

जोधा अकबर की कहानी निकली झूठी,सैकड़ो सालों से प्रसारित झूठ का खंडन हुआ

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"जोधा अकबर" की कहानी झूठी निकली, सैकड़ो सालों से प्रचारित झूठ का खण्डन हुआ।  अकबर की शादी "हरकू बाई" से हुई थी,  जो मान सिंह की दासी थी - जयपुर के रिकॉर्ड। पुरातत्व विभाग  भी यही मानता है कि जोधा एक झूठ है, जिस झूठ को वामपन्थी इतिहासकारों ने और फिल्मी भाँड़ों ने रचा है। यह ऐतिहासिक षड़यन्त्र है।  आइये,  एक और ऐतिहासिक षड़यन्त्र से आप सभी को अवगत कराते हैं।  अब कृपया ध्यानपूर्वक पूरा पढ़ें।  जब भी कोई राजपूत किसी मुगल की गद्दारी की बात करता है तो कुछ मुगल प्रेमियों द्वारा उसे जोधाबाई का नाम लेकर चुप कराने की कोशिश की जाती है। बताया जाता है कि कैसे जोधा ने अकबर से विवाह किया।  परन्तु अकबर के काल के किसी भी इतिहासकार ने जोधा और अकबर की प्रेमकथा का कोई वर्णन नहीं किया ! सभी इतिहासकारों ने अकबर की केवल 5 बेगमें बताई हैं। 1. सलीमा सुल्तान। 2. मरियम उद ज़मानी। 3. रज़िया बेगम। 4. कासिम बानू बेगम। 5. बीबी दौलत शाद। अकबर ने स्वयं अपनी आत्मकथा अकबरनामा में भी,  किसी रानी से विवाह का कोई उल्लेख नहीं किया। परन्तु राजपूतों को नीचा दिखाने के लिए...

पितृ दिवस पर जगत नारायण सिंह की स्मृति में गरीबों की हुई सेवा

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 पितृ दिवस पर जगत नारायन सिंह की स्मृति में गरीबों की हुई सेवा  - शारदा नारायन हॉस्पिटल ने सभी केंद्रों पर लगाए शिविर, 756 की हुई जांच मऊ - शारदा नारायण हॉस्पिटल ऑफ़ ग्रुप के संस्थापक, समाजसेवी इंजिनियर जगतनारायण सिंह की स्मृति में फादर्स डे पर शारदा नारायन हास्पिटल, जननायक चंद्रशेखर हास्पिटल, जगत नारायन हास्पिटल सहित सभी अस्पतालों में निःशुल्क शिविर लगाकर 756 लोगों के ब्लडप्रेशर, शुगर की जांच की निःशुल्क जांचकर दवाओं का वितरण किया।            इस अवसर पर चेयरमैन, डायरेक्टर डॉ संजय सिंह जी ने कहा की आज शारदा नारायण हॉस्पिटल के रूप में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिन लोगों की सेवा हो रही है, उसके प्रेरणा पुरुष मेरे पिताजी ही हैं।  उनके सपने को पूरा करने के लिए  शारदा नारायण ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के माध्यम से आम जनजीवन और समाज के सबसे निचले तपके के लोगों को भी आयुष्मान योजना से लाभागवित किया जा रहा है। फादर्स डे पर उनकी स्मृतियों को याद करते हुए गरीबों को लेकर उनके मन में जो भाव था उस भाव की प्रतिपूर्ति के लिए सभी स्थानों पर...

कहानी वीर योद्धा डूंगर सिंह भाटी की

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कहानी वीर योद्धा डूंगर सिंह भाटी की: 👉 राजपुताना वीरो की भूमि है। यहाँ ऐसा कोई गांव नही जिस पर राजपूती खून न बहा हो, जहाँ किसी जुंझार का देवालय न हो, जहा कोई युद्ध न हुआ हो। भारत में मुस्लिम आक्रमणकर्ताओ कोे रोकने के लिए लाखो राजपूत योद्धाओ ने अपना खून बहाया बहुत सी वीर गाथाये इतिहास के पन्नों में दब गयी। इसी सन्दर्भ में एक सच्ची घटना- उस वक्त जैसलमेर और बहावलपुर(वर्तमान पाकिस्तान में) दो पड़ोसी राज्य थे। बहावलपुर के नवाब की सेना आये दिन जैसलमेर राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रो में डकैती, लूट करती थी परन्तु कभी भी जैसलमेर के भाटी वंश के शासको से टकराने की हिम्मत नही करती थी। उन्ही दिनों एक बार जेठ की दोपहरी में दो राजपूत वीर डूंगर सिंह जी उर्फ़ पन्न राज जी, जो की जैसलमेर महारावल के छोटे भाई के पुत्र थे और उनके भतीजे चाहड़ सिंह जिसकी शादी कुछ दिन पूर्व ही हुयी थी, दोनों वीर जैसलमेर बहावलपुर की सीमा से कुछ दुरी पर तालाब में स्नान कर रहे थे। तभी अचानक बहुत जोर से शोर सुनाई दिया और कन्याओ के चिल्लाने की आवाजे आई। उन्होंने देखा की दूर बहावलपुर के नवाब की सेना की एक टुकड़ी जैसलमेर रियासत...

*जीवन की अमूल्य धरोहर है रक्त ,करें इसका महादान*(डॉ संजय सिंह)

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*जीवन की अमूल्य धरोहर है रक्त करें, इसका महादान: डॉ संजय सिंह* *-शारदा नारायण हास्पिटल में उत्साह से मना रक्तदान दिवस* मऊ: विज्ञान ने चाहे जितनी प्रगति कर ली हो पर आज भी कृत्रिम रूप से रक्त का निर्माण संभव नहीं हो पाया है। ऐसे में रक्तदान चिकित्सा के क्षेत्र में ही नहीं अपितु मानव जीवन के संवर्धन के लिए सबसे महत्वपूर्ण दान होता है। इससे हम लाखों जिंदगियां को बचा सकते हैं। किसी को नवजीवन प्रदान करने का यह एक सुअवसर होता है। आज रक्तदान के माध्यम से विश्व में प्रतिवर्ष करोड़ों लोगों का जीवन बचाया जा रहा है। रक्तदान को लेकर के लोगों में बहुत सी भ्रांतियां हैं जो निर्मल और भ्रामक हैं। रक्तदान करने से व्यक्ति के रक्त में और शुद्धता आ जाती है। इसके साथ ही कुछ दिनों के अंतराल पर ही उचित खान-पान से शरीर अपने रक्त की पूर्ति स्वयं कर लेता है। रक्तदान को एक अभियान बनाते हुए लोगों को इसके लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में काम से कम छह बार रक्तदान करना आवश्यक आवश्यक होता है। यह बातें डॉ संजय सिंह ने शनिवार को विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर शारदा नारायण हॉस्...

मऊ के दिव्यांग अभिषेक मुंबई में राष्ट्रीय रत्न से किए गए सम्मानित

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मऊ के दिव्यांग अभिषेक मुंबई में राष्ट्रीय रत्न सम्मान से हुए सम्मानित। मऊ:- आपको बता दे ट्रेन दुर्घटना में दोनो पैर खो देने वाले दिव्यांग अभिषेक पांडेय जी लगातार सोशल मीडिया से सामाजिक कार्यों में जागरूक रहते है अब तक हजारों लोगों को रक्तदान भी करवा चुके है। और तमाम तरह से जरूरतमंदों की मदद भी कर चुके है। देश में जब कोरोना जैसी महामारी आई तो अभिषेक जी ने दिन रात लोगो की मदद करने का प्रयास किया। उनके सेवा कार्यों को देख डॉक्टर कृष्णा चौंहान फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय रत्न सम्मान 2024 समारोह आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि बॉलीवुड के मशहूर गायक कुमार सानू जी व अन्य सेलिब्रेटी थे। जिसमें मऊ ब्लॉक परदहा ग्राम परसपुरा निवासी अभिषेक पांडेय जी को चयनित किया गया। कुछ कारण वस अभिषेक अवार्ड शो में नहीं जा सके तो उन्हें सम्मान के साथ उनके अवार्ड को उनके घर पर भेजा गया। अभिषेक पांडेय ने कहा ये मेरा सम्मान नही बल्कि उन सभी लोगो का सम्मान है जो उनके सामाजिक कार्यों में सहयोगी बनते है। और सभी का आभार जताया।साथ अभिषेक लाखो युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।