इंसानियत जिन्दा हैं और जिन्दा रहेंगी -- इंसानियत जिन्दा हैं और जिन्दा रहेंगी एक दूसरे की जान बचाने के लिए, अस्पतालों में खून देने का चलन-कलन जबतक जिन्दा हैं, सरहदें हो या महामारियों का संकट, जान बचाने के लिए जान गवांने का जूनून ,जज्बा और जोश जबतक जिन्दा हैं , नफरती और खुराफातीं हवाऐं इस दौर में बहुत तेज चलती हैं , पर एक दूसरे से गले मिलने-मिलाने की रवायतें और फ़ितरते जबतक जिन्दा हैं , इंसानियत जिन्दा हैं और जिन्दा रहेंगी । बमों के धमाके कभी-कभी गूंजते रहते हैं कश्मीर की वादियों में, पर कश्मीर की क्यारीयों में केसर उगाने वालों की जमात जबतक जिन्दा हैं, तोप तलवारें और गोलियाँ प्यासी है, एक दूसरे का लहू पीने के लिए, फिर भी गुलाब गुड़हल गेंदा बोने-उगाने वाले हाथ जबतक जिन्दा हैं, दौलत के नशे में चूर, बहुत भूखा, प्यासा और नंगा हैं आदमी, फिर भी गंगा यमुना का पानी जबतक खेत-खलिहानों की प्यास बुझाता रहेगा, इंसानियत जिन्दा हैं और जिन्दा रहेंगी । बहशी दरिन्दों के झुंड में बदलने लगा है आदमी, पर परिन्दो को अपने छत पर दाना डालने की परम्परा जबतक कायम हैं, गौरेय्या और परिन्दों बचाने...